Pollution Effect: वैज्ञानिकों ने माना जा रहा है अगर इसी तरह पृथ्वी का हरित गैस प्रभाव का सामना करना पड़ा तो पृथ्वी से निकलने वाले उपभोग गैस और प्रदूषण के प्रभाव के करण पृथ्वी को बड़ा संदेह का समान कर्ण पढ़ सकता है जिसे पृथ्वी में जानवर और इंसान प्रति बड़ा प्रभाव पढेगा जिसका भविष्य मे काफी खतरा है, इसीलिये वैज्ञानिकों के लिए दूसरा कहा जा रहा है कि 2030 तक इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है, लेकिन हम सब जानते हैं कि प्रदूषण के कारण कुछ-कुछ असर होता है, आज भी महसूस हो गया है जिसे तापमान का बढ़ना है, और वायु प्रदूषण से हवा में ऑक्सीजन की मात्रा काफी हद तक कम हो चुकी है,
1.वायु प्रदूषण: आज कल वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है, जिसे हमारा वहुमंडल गरम हो रहा है और प्रदूषित भी हो रहा है, जब कारखानो, वहनो और दूसरी गाड़ी से जहरीला चश्मा वहाहुमंडल को खराब कर रही है, जैसे सांस की बिनारिया या अस्थमा, और दिल से संबंधित रोग हो रही है, हवा में मोजुद जहरीला चश्मा, जैसे कार्बन मोनो ऑक्साइड, और सल्फर दाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड, पेड़ों के पत्तों पर जामा होता है, इस पेड़ के पत्ते सूखे जल्दी हो जाते हैं
2. जल प्रदूषण: हमारी धरती में 79% पानी है लेकिन हम उसे प्रदूषित करते हैं, जिससे काफी खतरा है, परिणाम देखने को मिल सकता है। ये प्रदूषण तब होता है जब नदियाँ, झील, और समुद्र में कचरा ज्यादा हो जाता है और रसायनिक अवशेष के कारण प्रदूषण में बन जाता है, इस जल में काफी प्रदूषण के कारण बीमारी भी होने लगती है। जल स्रोतों में प्रदूषण जा असर पेड़ों पर पड़ता है, खास उन पेड़ों पर जो नदिया और झील के किनारे होते हैं, प्रदूषित पानी पेड़ों की जड़ में जाकर पेड़ों को खराब कर देते हैं,
3. मृदा प्रदूषण: मिट्टी प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण ये है कि हम मिट्टी का खाना बनाकर उसे नुकसान पहुंचाते हैं जिसे मिट्टी को काफी रसायन प्राप्त होता है, वहा अनउपजौ हो जाता है, जब खेतो से रसायनिक खड़े, कितना अधिक, और अन्य हानिकारक पदार्थ उत्पन्न हो जाते हैं, जैसी मिट्टी का प्रदूषण होता है, इस भूमि की उर्वरता कम होने लगती है, और पेड़ और पौधे में इसका असर दिखने लगता है, इसलिए हमें इसका खास ध्यान रखना चाहिए कि मिट्टी का खाना कम से कम हो जिसका हमारा इको-सिस्टम ठीक रहे,
क्यूकि वोहुमंडल में प्रदूषण को रोकने में मदद करता है,
4.ध्वनि प्रदूषण: ध्वनि प्रदूषण के कारण हमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसे हमने ट्रैफिक में खराब कर दिया है ध्वनि प्रदूषण ज्यादा होता है इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पक्षियों और जानवरों को होता है जो वन्य जीवन में रहते हैं, सबसे ज़्यादा ये तब होता है, जब अतिअधिक सोर होता है, जैसे कि गरियो का सोर, कारखानों का सोर आशापास के लोगो पर असर करता है, यही कारण है कि ध्वनि प्रदूषण से सारे जीव जंतुओं का सामना करना पड़ता है, इस ध्वनि प्रदूषण के कारण मानसिक तनाव, बहारापन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं
5. वृक्ष प्रदूषण: धरती पर कई सारे जंगल कटे जा चुके हैं जिनमें से हमारा अमेज़न का जंगल भी है जिसमें सारे जानवरों का प्रवासन और बढ़ रहा है उनमें से सबसे मुख्य कारण यही है की इस जंगल में पेड़ कटे जा रहे हैं जिसका हमारा इको सिस्टम पर प्रभाव होगा, जिसके हमारे जानवरों को समस्या होगी और दुनिया पर इसका असर होगा जैसा कि पेड़ के कटे पर इसे निकलने वाले ऑक्सीजन क्या काम होगा, ये सबसे ज्यादा तब होता है जब लकरियों की जरूरत बढ़ जाती है, वृक्षारोपण से पेड़ों की संख्या बढ़ाने से वायु प्रदूषण भी कम हो जाता है,